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चार स्थानों पर लगेंगे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट

नैनीताल। वैज्ञानिक परीक्षण के बाद नगर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापना की कवायद शुरू कर दी है। कवायद रंग लाई तो सीवर को ट्रीटमेंट के बाद नैनीझील में छोड़ा जा सकेगा। यहां से पानी जल संस्थान के माध्यम से फिल्टर होने के बाद घर तक पहुंचेगा। बीते सालों में पेयजल संकट को लेकर एसटीपी […]

नैनीताल। वैज्ञानिक परीक्षण के बाद नगर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापना की कवायद शुरू कर दी है। कवायद रंग लाई तो सीवर को ट्रीटमेंट के बाद नैनीझील में छोड़ा जा सकेगा। यहां से पानी जल संस्थान के माध्यम से फिल्टर होने के बाद घर तक पहुंचेगा।
बीते सालों में पेयजल संकट को लेकर एसटीपी पर मंथन हुआ। वर्ष 2017-2018 में सिंचाई विभाग ने आईआईटी रुडक़ी की टीम से इसका सर्वे कराया। रिपोर्ट के बाद नगर में एडवांस सीवर ट्रीटमेंट के बाद पानी को दोबारा झील में छोडऩे को हरी झंडी दी गई है। इसी क्रम में जल निगम ने नगर पालिका को पत्र भेजकर जगह दिलाने को कहा है।
जल निगम के ईई विवेक भट्ट ने बताया कि विभाग के माध्यम से नगर के मेट्रोपोल होटल परिसर, चिल्ड्रन पार्क स्थित पंप हाउस, मल्लीताल एसबीआई के पीछे, तल्लीताल रैमजे अस्पताल परिसर के पीछे जगह उपलब्ध कराने को कहा है। इसके बाद आयुक्त के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जा सकेगी। नगर में सामान्य दिनों में 10 एमएलडी, ग्रीष्म सीजन में 14 और बरसात में 21 एमएलडी तक पानी सीवर के माध्यम से बाहर निष्कासित किया जाता है। ट्रीटमेंट के बाद इसे फिर झील में डाला जा सकेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक 1 एमएलडी के सीवर ट्रीटमेंट की अत्याधुनिक मशीन की कीमत लगभग 5 करोड़ है। इसके मेंटेनेंस पर भी अत्यधिक खर्चा है। हरिद्वार में भी संबंधित प्लांट स्थापित हैं। 1 एमएलडी सीवर के ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 500 वर्गमीटर जमीन की जरूरत है।

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