हरिद्वार
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल के दिशा-निर्देशन एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) हरिद्वार की नोडल अधिकारी निशा यादव के पर्यवेक्षण तथा प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सराहनीय कार्य करते हुए लापता तीन मासूमों की जिंदगी में फिर से खुशियां लौटायी।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के ग्राम धमरौला निवासी अश्वनी (14 वर्ष) पुत्र जुगलकिशोर तीन माह पूर्व अचानक लापता हो गया था। परिजनों के अनुसार वह अपने पिता को खाना देने घर से निकला था, लेकिन न तो पिता के पास पहुंचा और न ही घर वापस लौटा। देर रात तक खोजबीन न होने पर परिवार ने थाना नूरपुर में गुमशुदगी दर्ज कराई। काफी तलाश के बावजूद कोई सुराग नहीं मिला। अब हरिद्वार पुलिस की सक्रियता से बालक सुरक्षित परिवार को मिल गया।
इसी तरह मिर्जापुर जिले के ग्राम नगहट दादीराम निवासी योगी (12 वर्ष) पुत्र विजयशंकर भी 10 दिन पूर्व अचानक गायब हो गया था। परिजनों ने बताया कि वह विद्यालय के लिए निकला था, किंतु घर वापस नहीं लौटा। चंचल स्वभाव का होने के कारण परिवार ने गांव वालों की मदद से मंदिरों और दरगाहों तक में तलाश की, किंतु असफल रहे। थाना पटरी पुलिस को सूचना देने के बाद भी कुछ पता नहीं चला। हरिद्वार पुलिस से सूचना मिलने पर परिजन तत्काल पहुंचे और अपने लाल से मिलकर भावुक हो उठे।
दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति, हरिद्वार के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उचित विधिक कार्यवाही एवं काउंसलिंग के बाद समिति अध्यक्ष के आदेशानुसार दोनों को खुला आश्रयगृह कनखल से मुक्त कराकर सकुशल परिजनों को सौंप दिया गया।
बच्चों के सुरक्षित मिलने पर परिजनों की आंखों में आंसू छलक उठे। उन्होंने हरिद्वार पुलिस और AHTU टीम की खुले दिल से प्रशंसा की।
थाना कनखल क्षेत्र से लावारिस अवस्था में मिले कृष्णा (8 वर्ष) पुत्र स्व. राकेश कुमार को भी पुलिस टीम ने रेस्क्यू किया। मेडिकल परीक्षण के बाद बाल कल्याण समिति हरिद्वार के आदेशानुसार उसे खुला आश्रयगृह कनखल में संरक्षण दिलाया गया। साथ ही उसके परिजनों की तलाश जारी है।
इस सराहनीय अभियान में AHTU पुलिस टीम के उप निरीक्षक देवेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल राकेश कुमार, हेड कांस्टेबल विनीता सेमवाल, कांस्टेबल जयराज सिंह, कांस्टेबल दीपक चंद, महिला कांस्टेबल शशिबाला एवं गीता शामिल रहे।